Ek mood, ek kaifiyat geet ka chehra hota hai..
Kuch sahi se lafz jad do, maujoon se dhun ki lakeerein kheench do..
To nagma sans lene lagta hai, jinda ho jata hai..
Itni si jaan hoti hai gane ki ek lamhe ki jitni..
Haan kuch lamhe barson jinda rehte hain..
Geet boodhe nahin hote unke chehre pe jhurriyan nahin girti..
Wo palte rehte hain chalte rehte hain..
Kuch sahi se lafz jad do, maujoon se dhun ki lakeerein kheench do..
To nagma sans lene lagta hai, jinda ho jata hai..
Itni si jaan hoti hai gane ki ek lamhe ki jitni..
Haan kuch lamhe barson jinda rehte hain..
Geet boodhe nahin hote unke chehre pe jhurriyan nahin girti..
Wo palte rehte hain chalte rehte hain..
Gulzar
एक मूड, एक कैफियत गीत का चेहरा होता है..
कुछ सही से लफ्ज जड़ दो, मौजूं से धुन की लकीरें खींच दो..
तो नग्मा सांस लेने लगता है, जिन्दा हो जाता है..
इतनी सी जान होती है गाने की इक लमहे की जितनी..
हाँ कुछ लमहे बरसों जिन्दा रहते हैं..
गीत बूढ़े नहीं होते उनके चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं गिरती..
वो पलते रहते हैं चलते रहते हैं..
कुछ सही से लफ्ज जड़ दो, मौजूं से धुन की लकीरें खींच दो..
तो नग्मा सांस लेने लगता है, जिन्दा हो जाता है..
इतनी सी जान होती है गाने की इक लमहे की जितनी..
हाँ कुछ लमहे बरसों जिन्दा रहते हैं..
गीत बूढ़े नहीं होते उनके चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं गिरती..
वो पलते रहते हैं चलते रहते हैं..
गुलजार
संगीत चर्चा (Sangeet Charcha)
वो गीत जो इस चिट्ठे का हिस्सा हैं (Wo Geet jo is blog ka hissa hain)
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